पलायन वेग क्या है| परिभाषा,सूत्र,पलायन वेग का मान
हेलो दोस्तों,आप लोगों ने देखा होगा यदि किसी पत्थर को ऊर्ध्वाधर दिशा में ऊपर की ओर फेंका जाता है तो वह पुनः पृथ्वी पर आकर गिरता है| पत्थर को जितने अधिक वेग से ऊपर की ओर फेंका जाता है वह उतनी ही अधिक ऊंचाई तक जाकर पुनः पृथ्वी पर आ जाता है|
ऐसा पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल के कारण होता है| हम जानते हैं पृथ्वी प्रत्येक वस्तु को अपनी ओर एक आकर्षण बल द्वारा आकर्षित करती हैं जिसे गुरुत्वाकर्षण बल कहते हैं|
परंतु यदि हम पत्थर को पृथ्वी के गुरुत्वीय क्षेत्र से बाहर (अर्थात अंतरिक्ष) भेजना चाहते हैं तो हमें क्या करना होगा | इसे समझने के लिए आज हम पढ़ने वाले हैं पलायन वेग(escape velocity in hindi) के बारे में और पृथ्वी तथा चंद्रमा तल से पलायन वेग कितना होता है ?
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Escape velocity of earth |
पलायन वेग की परिभाषा(palayan veg ki paribhasha):
“वह न्यूनतम वेग जिससे किसी पिंड को पृथ्वी तल से ऊपर फेंकने पर वह पृथ्वी के गुरुत्वीय क्षेत्र से बाहर निकल जाए अर्थात वह पृथ्वी तल पर लौट कर कभी भी वापस ना आ सके तो इस न्यूनतम वेग को ही पलायन वेग कहा जाता है|”
यदि किसी पिण्ड को पृथ्वी तल से ऊर्ध्वाधर दिशा में ऊपर फेंका जाता है , तो वह पिण्ड कुछ ऊंचाई तक ऊपर जाकर रुक जाता है और फिर पृथ्वी के आकर्षण बल के कारण पृथ्वी तल पर वापस आ जाता है | यदि पिण्ड का प्रारंभिक वेग बढ़ाया जाए तो वह पिण्ड अधिक ऊंचाई तक ऊपर जा सकेगा और पिण्ड के प्रारंभिक वेग को इसी प्रकार बढ़ाते-बढ़ाते एक ऐसे वेग से पिण्ड को पृथ्वी तल से ऊपर फेंका जा सकता है कि वह पिण्ड पृथ्वी तल पर कभी भी वापस लौट कर नहीं आ पाए अर्थात पिण्ड पृथ्वी के गुरुत्वीय क्षेत्र को पार करके सदैव के लिए अंतरिक्ष में पहुंच जाए तो इस वेग को पलायन वेग कहते हैं |पलायन वेग ज्ञात करने का सूत्र(palayan veg ka formula):
V = √2gR जहां g गुरुत्वीय त्वरण तथा R त्रिज्या है|पृथ्वी तल से पलायन वेग ( Escape velocity of earth) :
पृथ्वी तल से किसी भी पिंड का पलायन वेग 11.2 km/ sec होता है |अर्थात पिण्ड को पृथ्वी तल से अनंत तक भेजने के लिए उसे 11.2 km /sec का वेग प्रदान करना होगा | इसी वेग को पलायन वेग (Escape velocity) कहते हैं |
पलायन वेग का सूत्र हम जानते हैं V = √2gR
जहाँ g= गुरुत्वीय त्वरण तथा R =पृथ्वी की त्रिज्या
g = 9.8 m/s² = 0.0098 km/s²
R = 6400 km approx
V = √2gR
V = √2 × 0.0098 × 6400
V = √125.44
V = 11.2 km/sec
चंद्रमा तल से पलायन वेग ( Escape velocity of moon) :
चंद्रमा तल से पलायन वेग का मान लगभग 2.4 km / sec होता है |चंद्रमा पर वायुमंडल नहीं होने का कारण ( reason for no atmosphere on moon) :
चंद्रमा पर पलायन वेग लगभग 2.4 किमी/ सेकंड होता है ,इसलिए जिन गैसों के अणुओं की वर्ग माध्य मूल चाल 2.4 किमी/सेकण्ड अथवा इससे अधिक होती है, वह चंद्रमा की सतह को छोड़कर सदैव के लिए अंतरिक्ष (Space) में चले जाते हैं| चंद्रमा पर प्रायः सभी गैसों के अणुओं की वर्ग माध्य मूल चाल पलायन वेग के बराबर या इससे अधिक होती है अतः यही कारण है कि चंद्रमा पर वायुमंडल नहीं होता है|> स्थिर वैद्युत(electrostatics) objective type question
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