धारिता की परिभाषा, मात्रक, विमीय सूत्र
आज इस पोस्ट में हम class 12th physics के महत्वपूर्ण टॉपिक विद्युत धारिता के बारे में पढ़ने वाले हैं| अगर आपको जानकारी अच्छी लगे तो कमेंट करें और पोस्ट को शेयर करें|
धारिता किसे कहते हैं?(capacitance in hindi)
हम जानते हैं कि किसी चालक को जितना अधिक आवेश दिया जाता है उसका विभव उतना ही अधिक हो जाता है|
इसे हम इस प्रकार समझ सकते हैं कि जिस प्रकार किसी बर्तन में द्रव डालने पर उसका तल बढ़ने लगता है, ठीक उसी प्रकार किसी चालक को आवेश देने पर उसका विभव बढ़ने लगता है|
यदि किसी चालक को Q आवेश देने से उसका विभव V हो, तो
Q ∝ V
Q = CV
जहाँ C एक नियतांक है| इसे चालक की विद्युत धारिता कहते हैं
धारिता का सूत्र(formula):-
C= Q/V •••••(1)
समीकरण (1) से
यदि V=1 हो, तो C=Q
धारिता की परिभाषा(dharita ki paribhasha):-
“ किसी चालक की विद्युत धारिता आवेश की उस मात्रा के बराबर होती है, जो उस चालक के विभव में एकांक परिवर्तन कर दे|”
(या)
धारिता की एक परिभाषा हम धारिता के सूत्र की सहायता से लिख सकते हैं|
C = Q/V
“ किसी चालक के आवेश और विभव के अनुपात को उस चालक की धारिता कहते हैं| इसे C से प्रदर्शित करते हैं|”
धारिता का मात्रक क्या है(dharita ka matrak kya hai) :
C = Q/V
धारिता का मात्रक=आवेश का मात्रक/विभव का मात्रक
= कूलॉम/वोल्ट या फैरड
S. I पद्धति में धारिता का मात्रक फैरड है|
C. G. S पद्धति में धारिता का मात्रक स्थैत- फैरड है|
धारिता का विमीय सूत्र क्या है(dharita ka vimiy sutra kya hai) :
C= Q/ V
धारिता का विमीय सूत्र= आवेश का विमीय सूत्र/ विभव का विमीय सूत्र
= AT / ML²T-³A-¹
= [ M-¹L-²T⁴A²]
1 फैरड धारिता की परिभाषा(1 Farad dharita ki paribhasha) :
C= Q/V से,
1 फैरड = 1 कूलॉम/ 1 वोल्ट
“यदि किसी चालक को 1 कूलॉम आवेश देने पर उसके विभव में 1 वोल्ट की वृद्धि हो जाए तो उसकी धारिता 1 फैरड कहलाती है|”
विद्युत धारिता के S. I मात्रक और C. G. S मात्रक में संबंध:
C = Q/V से,
1 फैरड = 1 कूलॉम/ 1 वोल्ट
[ 1 कूलॉम = 3×10^9 स्थैत-कूलॉम
1 वोल्ट = 1/300 स्थैत-वोल्ट]
1 फैरड = 3×10^9 स्थैत- कूलॉम/ 1/300 स्थैत- वोल्ट
1 फैरड = 9 × 10¹¹ स्थैत-फैरड
विद्युत धारिता को प्रभावित करने वाले कारक(dharita ko prabhavit Karne Wale Karak) :
1.चालक का क्षेत्रफल- चालक का क्षेत्रफल बढ़ाने पर उसका विभव कम हो जाता है| फलस्वरुप उसकी धारिता बढ़ जाती है|
2.आवेशित चालक के समीप अन्य चालक की उपस्थिति-आवेशित चालक के समीप अन्य चालक की उपस्थिति से उसका विभव कम हो जाता है| अतः उसकी विद्युत धारिता बढ़ जाती है|
3.चालक के चारों ओर का माध्यम- चालक के चारों ओर K परावैद्युतांक का माध्यम होने पर उसका विभव कम हो जाता है| अतः उसकी विद्युत धारिता बढ़ जाती है|
धारिता से संबंधित सवाल (capacitance numericals) :
1. एक चालक को 10-⁴ कूलॉम आवेश देने पर उसका विभव 10 वोल्ट हो जाता है तो उसकी धारिता क्या होगी?
Sol. दिया है –
आवेश Q = 10-⁴ कूलॉम,
विभव V = 10 वोल्ट
धारिता C = ज्ञात करना
सूत्र :- C = Q/V
C = 10-⁴ / 10
C = 10^-5 फैरड
2. एक चालक को 10-² कूलॉम आवेश देने पर उसका विभव 100 वोल्ट हो जाता है तो उसकी धारिता क्या होगी?
Sol. दीया है –
आवेश Q = 10-² कूलॉम,
विभव V = 100 वोल्ट
धारिता C = ज्ञात करना
सूत्र :- C = Q/V
C = 10-² / 100
C = 10-⁴ फैरड
3. 10-³ फैरड धारिता वाले किसी चालक का विभव 250 वोल्ट है, इस चालक में उपस्थित आवेश की गणना कीजिए|
दिया है –
चालक की धारिता C = 10-³ फैरड
विभव V = 250 वोल्ट
आवेश = ज्ञात करना
सूत्र:- C = Q/V
Q = CV
Q = 10-³ × 250
Q = 25 × 10-² कूलॉम
Class 12th physics hindi medium:
> विद्युत धारा की परिभाषा|मात्रक| विमीय सूत्र
> दर्पण की परिभाषा| प्रकार |उपयोग
> आवेश की परिभाषा |मात्रक |विमीय सूत्र
> विद्युत क्षेत्र की तीव्रता|मात्रक|विमीय सूत्र
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें