प्रतिरोध और प्रतिरोधकता या विशिष्ट प्रतिरोध|resistance and resistivity in hindi
आज की इस post में हम physics(भौतिक विज्ञान) के महत्वपूर्ण टॉपिक प्रतिरोध,विशिष्ट प्रतिरोध और विशिष्ट चालकता के बारे में पढ़ने वाले हैं| अगर हमारे द्वारा दी गई जानकारी अच्छी लगे तो कमेंट करें और पोस्ट को शेयर करें|
प्रतिरोध की परिभाषा( definition of resistance)
धारा के मार्ग में रुकावट डालने वाले कारक को चालक का प्रतिरोध(resistance) कहा जाता है, तथा ऐसे चालक को प्रतिरोधक( resistor) कहा जाता है|या
प्रतिरोध की एक परिभाषा और ओम के नियम की सहायता से लिख सकते हैं|
“किसी चालक का प्रतिरोध लगाये गए विभवांतर और उसमें बहने वाली धारा के अनुपात के बराबर होता है|”
Resistance kya hai |
R = V/ I [ ohm’s law V=RI ]
प्रतिरोध का मात्रक और विमीय सूत्र(pratirodh ka matrak aur vimiy Sutra) :
प्रतिरोध का S. I मात्रक ओम (ohm) है| इसे Ω ( ओमेगा) से प्रदर्शित करते हैं|
प्रतिरोध का विमीय सूत्र- [ML²T-³A-²]
प्रतिरोध को प्रभावित करने वाले कारक(pratirodh ko prabhavit Karne Wale Karak) :
1. चालक की लंबाई पर- किसी चालक का प्रतिरोध R उसकी लंबाई l के अनुक्रमानुपाती होता है|
अर्थात R ∝ l
अतः चालक तार की लंबाई अधिक होने पर प्रतिरोध भी अधिक होता है तथा तार की लंबाई कम होने पर प्रतिरोध का मान भी कम होता है|
2. चालक के अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल पर – किसी चालक तार का प्रतिरोध R उस तार के अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल A के व्युत्क्रमानुपाती होता है|
अर्थात R ∝ 1/A
अतः पतले तार का प्रतिरोध अधिक तथा मोटे तार का प्रतिरोध कम होता है|
विशिष्ट प्रतिरोध या प्रतिरोधकता(specific resistance or resistivity) :
हम जानते हैं किR ∝ l … … (1)
R ∝ 1/A … … (2)
समीकरण (1) व (2) से,
R ∝ l/A
R = ρ l/A … … (3)
जहाँ ρ (रो) एक आनुपातिक नियतांक है| इसे चालक का विशिष्ट प्रतिरोध या प्रतिरोधकता कहते हैं |
यदि l = 1 तथा A = 1 हो, तो समीकरण (3) से,
R = ρ
प्रतिरोधकता की परिभाषा(Definition of resistivity)
“ किसी पदार्थ के एकांक अनुप्रस्थ काट वाले एकांक लंबाई के तार के प्रतिरोध को ही उसका विशिष्ट प्रतिरोध कहते हैं|”
Resistivity formula:- समीकरण(3) से,
ρ = RA/l
विशिष्ट प्रतिरोध का मात्रक और विमीय सूत्र:
ρ का मात्रक =R का मात्रक×Aका मात्रक/ l का मात्रक
विशिष्ट प्रतिरोध का मात्रक = ओम-मीटर(Ωm)
प्रतिरोध और प्रतिरोधकता पर ताप का प्रभाव( effect of temperature on resistance and resistivity):
1. धातुओं में- ताप बढ़ाने पर धातुओं का प्रतिरोध और विशिष्ट प्रतिरोध दोनों बढ़ जाते हैं तथा ताप कर कम करने पर दोनों घट जाते हैं|
2. विद्युत अपघट्यों में- ताप बढ़ाने पर विद्युत अपघट्यों की श्यानता कम हो जाती है, जिससे उनके भीतर आयन अधिक स्वतंत्रता पूर्वक गति करने लगते हैं|अत: ताप बढ़ाने पर विद्युत अपघट्यों का प्रतिरोध कम हो जाता है तथा उनकी चालकता बढ़ जाती है| इस प्रकार विद्युत अपघट्यों का प्रतिरोध ताप गुणांक ऋणात्मक होता है|
3. अर्द्धचालकों में- ताप बढ़ाने पर अर्द्धचालकों का प्रतिरोध अथवा प्रतिरोधकता कम हो जाते हैं| इसका कारण यह है कि कम ताप पर अर्द्धचालकों में मुक्त इलेक्ट्रॉनों की संख्या कम होती है किंतु ताप बढ़ाने पर मुक्त इलेक्ट्रॉनों की संख्या बढ़ जाती है जिससे अर्द्धचालकों की चालकता बढ़ जाती है|अतः ताप बढ़ाने पर अर्द्धचालकों का प्रतिरोध कम हो जाता है|अतः अर्द्धचालकों का प्रतिरोध ताप गुणांक ऋणात्मक होता है|
विशिष्ट चालकता किसे कहते हैं(specific conductivity) :
किसी पदार्थ के विशिष्ट प्रतिरोध के व्युत्क्रम को ही उसकी विशिष्ट चालकता कहते हैं| इसे σ (सिग्मा) से प्रदर्शित करते हैं|
विशिष्ट चालकता = 1 / विशिष्ट प्रतिरोध
σ = 1 / ρ
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