Lonar lake|लोनार झील|lonar lake maharashtra|Pink lake
महाराष्ट्र में स्थित खारे पानी की लोनार झील जिसके पानी का रंग रातों-रात बदलकर गुलाबी हो गया|
इस रंग परिवर्तन को लेकर अलग-अलग वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों के अलग-अलग मत हैं| लोनार झील संरक्षण और विकास समिति के सदस्य गजानन खराट ने बताया कि पानी के रंग परिवर्तन होने की वजह पानी में उपस्थित लवण और शैवाल की उपस्थिति हो सकती हैं|
अभी बारिश नहीं होने के कारण झील में पानी का जलस्तर भी कम है| जलस्तर कम होने के कारण पानी का खारापन बड़ा होगा और शैवाल की प्रकृति भी बदली होगी|
इसके अलावा उन्होंने बताया कि “पानी की सतह से 1 मीटर नीचे ऑक्सीजन नहीं है और ईरान की एक झील का पानी भी लवणता के कारण लाल हो गया था|”
इसके अलावा वैज्ञानिकों का मानना है कि निसर्ग तूफान की वजह से हुई बारिश के कारण हैलो बैक्टीरिया और ड्यूनोनिला सलीना कवक झील की तलहट में बैठ गए जिसके कारण पानी का रंग गुलाबी हो गया|
वैज्ञानिक अपने दिए गए तथ्यों को स्पष्ट नहीं बता पा रहे हैं उनका मानना है कि इसके कुछ और कारण भी सकते है|
हालांकि लोनार के तहसीलदार ने ANI को बताया कि वन विभाग को इसका नमूना एकत्रित कर इसके कारण को जानने के लिए कहा गया है |
दी गई जानकारी अगर अच्छी लगे तो कमेंट करें और शेयर करें|
इनके बारे में पढ़ें:
> अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन
> पृथ्वी का वजन कितना है?
> खगोलीय मात्रक
> mothers day thought
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Lonar lake ( लोनार झील )
देश में जहां कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या महाराष्ट्र राज्य में सबसे अधिक है वही महाराष्ट्र मैं बीते दिनों में एक ऐसी रहस्यमई घटना हुई जिसके बारे में हम आपको बताने वाले हैं|महाराष्ट्र में स्थित खारे पानी की लोनार झील जिसके पानी का रंग रातों-रात बदलकर गुलाबी हो गया|
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lonar lake maharashtra |
लोनार झील ( lonar lake) कहां स्थित है?
लोनार झील मुंबई से 500 किलोमीटर दूर बुलढाणा जिले में स्थित लोकप्रिय और रहस्यमई झील है|लोनार झील का रहस्य:
लोनार झील के निर्माण को लेकर भी इसका रहस्य बना हुआ है| ऐसा माना जाता है कि इस झील का निर्माण लगभग 50 हजार साल पहले एक उल्का पिंड के पृथ्वी से टकराने के कारण हुआ है| लगभग 1.2 किमी व्यास तथा 150 मी गहराई वाली इस झील का पानी खारा है और उसका पीएच स्तर 10.5 है|लोनार झील के पानी का रंग कैसे हुआ गुलाबी:
वैसे तो लोनार झील ने अपने निर्माण के रहस्य को लेकर देश और दुनिया के वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है किंतु अभी बीते 8-10 दिनों में इसके पानी का रंग परिवर्तन होना एक रहस्य बन गया है|इस रंग परिवर्तन को लेकर अलग-अलग वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों के अलग-अलग मत हैं| लोनार झील संरक्षण और विकास समिति के सदस्य गजानन खराट ने बताया कि पानी के रंग परिवर्तन होने की वजह पानी में उपस्थित लवण और शैवाल की उपस्थिति हो सकती हैं|
अभी बारिश नहीं होने के कारण झील में पानी का जलस्तर भी कम है| जलस्तर कम होने के कारण पानी का खारापन बड़ा होगा और शैवाल की प्रकृति भी बदली होगी|
इसके अलावा उन्होंने बताया कि “पानी की सतह से 1 मीटर नीचे ऑक्सीजन नहीं है और ईरान की एक झील का पानी भी लवणता के कारण लाल हो गया था|”
इसके अलावा वैज्ञानिकों का मानना है कि निसर्ग तूफान की वजह से हुई बारिश के कारण हैलो बैक्टीरिया और ड्यूनोनिला सलीना कवक झील की तलहट में बैठ गए जिसके कारण पानी का रंग गुलाबी हो गया|
वैज्ञानिक अपने दिए गए तथ्यों को स्पष्ट नहीं बता पा रहे हैं उनका मानना है कि इसके कुछ और कारण भी सकते है|
हालांकि लोनार के तहसीलदार ने ANI को बताया कि वन विभाग को इसका नमूना एकत्रित कर इसके कारण को जानने के लिए कहा गया है |
दी गई जानकारी अगर अच्छी लगे तो कमेंट करें और शेयर करें|
इनके बारे में पढ़ें:
> अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन
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