प्रकाश का परावर्तन| reflection of light| परावर्तन के नियम|reflection| परावर्तन के प्रकार
आज इस पोस्ट में हम प्रकाश के परावर्तन के बारे में पढ़ने वाले हैं| हम अपने आसपास की वस्तुओं को देख पाते हैं इसका मुख्य कारण प्रकाश का परावर्तन है |जब प्रकाश इन वस्तुओं पर पड़ता है तो इन वस्तुओं से परावर्तित होकर हमारी आंखों में प्रवेश करता है और वस्तुओं की इमेज हमारे आंखों के रेटिना पर बनती है तो हमें वस्तुएं दिखाई देती है |
चित्र में PQ आपतित किरण ( incident ray ) , QR परावर्तित किरण ( reflected ray ) तथा QN अभिलंब ( Normal ) है |
आपतित किरण और अभिलंब के बीच बनने वाले कोण को आपतन कोण ( Angle of incidence) तथा परावर्तित किरण और अभिलंब के बीच बनने वाले कोण को परावर्तन कोण ( Angel of reflection ) कहते हैं |
चित्र में, आपतन कोण PQN = i
परावर्तन कोण RQN = r
1. आपतन कोण और परावर्तन कोण सदैव बराबर होते हैं |
आपतन कोण i = परावर्तन कोण r
2. आपतित किरण, परावर्तित किरण और अभिलंब तीनों सदैव एक ही तल में होते हैं|
1. नियमित परावर्तन ( Regular Reflection)
2. अनियमित परावर्तन ( Irregular Reflection)
1.नियमित परावर्तन – जब प्रकाश किरणें किसी चमकदार पृष्ठ पर आपतित होकर एक निश्चित दिशा में परिवर्तित हो जाती है तो इस परावर्तन को नियमित परावर्तन कहते हैं|
नियमित परावर्तन में समांतर आपतित होने वाली सभी प्रकाश किरणे परावर्तन के बाद भी समांतर होती है| जैसा ऊपर चित्र में दर्शाया गया है |
2.अनियमित या विसरित परावर्तन – जब प्रकाश किरणें किसी को खुरदरे पृष्ठ पर आपतित होती है तो ये किरणें परावर्तित होकर विभिन्न दिशाओं में बिखर जाती है इस प्रकार के परावर्तन को अनियमित परावर्तन कहते हैं |
अनियमित परावर्तन में समांतर आपतित होने वाली प्रकाश किरणें परावर्तन के पश्चात समांतर नहीं होती है | जैसा ऊपर चित्र में दर्शाया गया है|
इनके बारे में भी पढ़ें:
> speed of light
> पृथ्वी का वजन
> नाभिकीय विखंडन और नाभिकीय संलयन
अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगे तो कमेंट करें और पोस्ट को शेयर करें|
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आज इस पोस्ट में हम प्रकाश के परावर्तन के बारे में पढ़ने वाले हैं| हम अपने आसपास की वस्तुओं को देख पाते हैं इसका मुख्य कारण प्रकाश का परावर्तन है |जब प्रकाश इन वस्तुओं पर पड़ता है तो इन वस्तुओं से परावर्तित होकर हमारी आंखों में प्रवेश करता है और वस्तुओं की इमेज हमारे आंखों के रेटिना पर बनती है तो हमें वस्तुएं दिखाई देती है |
प्रकाश का परावर्तन ( reflection of light )
जब कोई प्रकाश किरण एक समांगी माध्यम से चलकर किसी चमकदार पृष्ठ पर आपतित होती है तो वह चमकदार पृष्ठ से टकराकर पुनः उसी माध्यम में लौट जाती है| इस घटना को प्रकाश का परावर्तन कहते हैं |Reflection ( परावर्तन) |
चित्र में PQ आपतित किरण ( incident ray ) , QR परावर्तित किरण ( reflected ray ) तथा QN अभिलंब ( Normal ) है |
आपतित किरण और अभिलंब के बीच बनने वाले कोण को आपतन कोण ( Angle of incidence) तथा परावर्तित किरण और अभिलंब के बीच बनने वाले कोण को परावर्तन कोण ( Angel of reflection ) कहते हैं |
चित्र में, आपतन कोण PQN = i
परावर्तन कोण RQN = r
परावर्तन के नियम ( Laws of Reflection )
प्रकाश के परावर्तन के दो नियम है –1. आपतन कोण और परावर्तन कोण सदैव बराबर होते हैं |
आपतन कोण i = परावर्तन कोण r
2. आपतित किरण, परावर्तित किरण और अभिलंब तीनों सदैव एक ही तल में होते हैं|
परावर्तन के प्रकार ( types of reflection)
परावर्तन दो प्रकार का होता है –1. नियमित परावर्तन ( Regular Reflection)
2. अनियमित परावर्तन ( Irregular Reflection)
1.नियमित परावर्तन – जब प्रकाश किरणें किसी चमकदार पृष्ठ पर आपतित होकर एक निश्चित दिशा में परिवर्तित हो जाती है तो इस परावर्तन को नियमित परावर्तन कहते हैं|
Regular reflection |
नियमित परावर्तन में समांतर आपतित होने वाली सभी प्रकाश किरणे परावर्तन के बाद भी समांतर होती है| जैसा ऊपर चित्र में दर्शाया गया है |
नियमित परावर्तन का उदाहरण
नियमित परावर्तन के कारण ही हम अपना चेहरा दर्पण में देख सकते हैं | चेहरे से चलने वाली सभी प्रकाश किरणे दर्पण से परावर्तित होकर हमारी आंखों में प्रवेश करती है जिससे हमें अपना चेहरा दिखाई देता है|2.अनियमित या विसरित परावर्तन – जब प्रकाश किरणें किसी को खुरदरे पृष्ठ पर आपतित होती है तो ये किरणें परावर्तित होकर विभिन्न दिशाओं में बिखर जाती है इस प्रकार के परावर्तन को अनियमित परावर्तन कहते हैं |
Irregular reflection |
अनियमित परावर्तन में समांतर आपतित होने वाली प्रकाश किरणें परावर्तन के पश्चात समांतर नहीं होती है | जैसा ऊपर चित्र में दर्शाया गया है|
अनियमित परावर्तन का उदाहरण
किसी भी खुरदरी सतह जैसे टेबल या दीवार से अनियमित परावर्तन होता है | इसी अनियमित परावर्तन के कारण हम खुरदरी टेबल की सतह या दीवार पर अपना चेहरा नहीं देख सकते हैं , क्योंकि चेहरे से चलने वाली प्रकाश किरणें टेबल की खुरदरी सतह से अनियमित परावर्तन के कारण बिखर जाती है |इनके बारे में भी पढ़ें:
> speed of light
> पृथ्वी का वजन
> नाभिकीय विखंडन और नाभिकीय संलयन
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