Class 12th physics Electrostatics
स्थिर वैद्युतिकी(Electrostatics) किसे कहते हैं?
स्थिर वैद्युतिकी भौतिक विज्ञान की वह शाखा है जिसके अंतर्गत स्थिर आवेशों के गुणों एवं उनसे सम्बंधित घटनाओं जैसे विद्युत क्षेत्र, विद्युत बल, विद्युत विभव एवं विद्युत धारिता आदि का अध्ययन किया जाता है|
स्थिर वैद्युतिकी के उदाहरण जिन्हें हम दैनिक जीवन में अनुभव करते हैं:
1.आकाश में गर्जन के समय विद्युत विसर्जन के कारण तड़ित का दिखाई देना|
2.ठंड के मौसम में स्वेटर या संश्लेषित वस्त्रों को शरीर से उतारते समय ध्वनि का उत्पन्न होना तथा कभी-कभी चिंगारी का दिखाई देना|
3.कंघी को यदि बालों से रगड़ कर कागज के छोटे-छोटे टुकड़ों के समीप लाया जाता है तो कागज के टुकड़े कंघी से चिपक जाते हैं|
विद्युत आवेश की परिभाषा, मात्रक और विमीय सूत्र
विद्युत आवेश किसी पदार्थ का वह गुण होता है जिसके कारण वह किसी दूसरी वस्तु पर विद्युत बल का अनुभव करता है|
( विद्युत आवेश किसी वस्तु का वह गुण है जिसके कारण एक वस्तु किसी दूसरी वस्तु को आकर्षित या प्रतिकर्षित करती है| )
विद्युत आवेश एक अदिश राशि है| इसका S. I मात्रक कूलॉम है|
आवेश का सूत्र:- Q = It जहां I = विद्युत धारा, t = समय |
आवेश का विमीय सूत्र:-
आवेश = धारा का विमीय सूत्र × समय का विमीय सूत्र
आवेश का विमीय सूत्र = [AT]
आवेश के प्रकार(kinds of charge) :
आवेशों के प्रकार की जानकारी के लिए हम यहां कुछ प्रयोगों को समझने वाले हैं-
Electric charge |
प्रयोग 1- इस प्रयोग में हम एक कांच की छड़ लेंगे| इस कांच की छड़ को रेशम के कपड़े से रगड़ कर धागे से लटका देते हैं| अब कांच की एक अन्य छड़ लेते हैं तथा उसे भी रेशम के कपड़े से रगड़ते है| इस छड़ को धागे से लटकी हुई छड़ के पास लाते हैं| हम देखते हैं कि धागे से लटकी हुई छड़ प्रतिकर्षित हो जाती है| [चित्र(a) ]
प्रयोग 2- इस प्रयोग में हम एक ऐबोनाइट की छड़ लेंगे| इस ऐबोनाइट की छड़ को किसी ऊनी कपड़े या बिल्ली की खाल से रगड़ कर धागे से लटका देते हैं| अब ऐबोनाइट की एक अन्य छड़ को ऊनी कपड़े या बिल्ली की खाल से रगड़ कर धागे से लटकी हुई ऐबोनाइट की छड़ के पास लाते हैं| हम देखते हैं कि धागे से लटकी हुई ऐबोनाइट की छड़ प्रतिकर्षित हो जाती है| [चित्र(b) ]
प्रयोग 3- इस प्रयोग में हम एक कांच की छड़ को रेशम के कपड़े से रगड़ कर धागे से लटका देते हैं| इसके बाद ऐबोनाइट की छड़ को ऊनी कपड़े या बिल्ली की खाल से रगड़ कर कांच की छड़ के पास लाते हैं| हम देखते हैं कि दोनों छड़ें एक दूसरे की ओर आकर्षित होती है| [चित्र(c) ]
उपरोक्त प्रयोगों से यह निष्कर्ष निकाला गया की कांच की छड़ में उत्पन्न आवेश ऐबोनाइट की छड़ में उत्पन्न आवेश से भिन्न है | प्रारंभ में कांच की छड़ में उत्पन्न आवेश को काँचाभ(Vitreous) आवेश तथा ऐबोनाइट की छड़ में उत्पन्न आवेश को रेजिनी(Resinous) आवेश कहा गया|
बाद में अमेरिकी वैज्ञानिक बेन्जामिन फ्रेंकलिन (Benjamin Franklin) ने काँचाभ आवेश को धनावेश तथा रेजिनी आवेश को ऋणावेश कहा|
[Note- ऊपर बताए गए प्रयोगों से स्पष्ट है कि दो सजातीय आवेशों के बीच प्रतिकर्षण बल तथा दो विजातीय आवेशों के बीच आकर्षण बल लगता है| ]
अतः आवेश दो प्रकार के होते हैं-
1. धनावेश(positive charge)
2. ऋणावेश(negative charge)
विद्युतदर्शी (Electroscope) किसे कहते हैं?
किसी वस्तु पर आवेश की उपस्थिति एवं प्रकृति ज्ञात करने के लिए एक उपकरण का उपयोग करते हैं जिसे विद्युतदर्शी(Electroscope) कहा जाता है|
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इनके बारे में पढ़ें:
> विद्युत धारा की परिभाषा| मात्रक | विमीय सूत्र
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