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सोमवार, 11 जनवरी 2021

चुंबकीय बल रेखाएँ, गुण, प्रयोग|magnetic lines of force in hindi

चुंबकीय बल रेखाएँ, गुण, प्रयोग(magnetic lines of force in hindi)

आज की इस पोस्ट में हम class 12th physics के महत्वपूर्ण टॉपिक चुंबकीय बल रेखाएँ उनके गुण तथा विद्युत बल रेखाओं और चुंबकीय बल रेखाओं में अंतर के बारे में पढ़ने वाले हैं|

physics और competition exam से संबंधित सभी notes आपको हमारे इस ब्लॉग पर मिल जाएंगे| अगर आपको दी गई जानकारी अच्छी लगे तो कमेंट करें और पोस्ट को शेयर करें|

चुंबकीय बल रेखाएँ (chumbakiya Bal Rekha) :

चुंबकीय बल रेखाएँ वे काल्पनिक वक्र रेखाएँ हैं जिस पर एक स्वतंत्र एकांक उत्तरी ध्रुव गमन कर सकता है|

                         ( या) 

किसी चुंबकीय क्षेत्र की बल रेखा वह वक्र है जिसके किसी भी बिंदु पर खींची गई स्पर्श रेखा उस बिंदु पर परिणामी चुंबकीय बल की दिशा को प्रदर्शित करती है|

चुंबकीय बल रेखाएँ, गुण, प्रयोग|magnetic lines of force in hindi
magnetic lines of force


चुंबकीय बल रेखाओं के गुण(properties of magnetic force lines or magnetic field lines in hindi):

1.चुंबकीय बल रेखाएँ चुंबक के बाहर उत्तरी ध्रुव से दक्षिणी ध्रुव की ओर तथा चुंबक के अंदर दक्षिणी ध्रुव से उत्तरी ध्रुव की ओर जाती है|

2.दो चुंबकीय बल रेखाएँ एक-दूसरे को कभी नहीं काटती है|

3.चुंबकीय बल रेखाएँ जहां सघन होती है वहाँ चुंबकीय क्षेत्र की तीव्रता अधिक तथा जहाँ विरल होती है वहाँ चुंबकीय क्षेत्र की तीव्रता कम होती है|

4.ये बल रेखाएँ खींची हुई डोरी के समान लंबाई में सिकुड़ने का प्रयास करती है|

5.चुंबकीय बल रेखाओं के किसी भी बिंदु पर खींची गई स्पर्श रेखा उस बिंदु पर परिणामी बल की दिशा को प्रदर्शित करती है|

चुंबकीय बल रेखाओं के लिए प्रयोग:

यदि आप चुंबकीय बल रेखाओं को देखना चाहते हैं तो इसके लिए कांच की एक प्लेट ले और उस पर  लोहे का बुरादा डालकर प्लेट के नीचे एक चुंबक रखें| पेंसिल या पेन की सहायता से प्लेट को धीरे-धीरे खटखटाते जाये| चुंबक के चुंबकीय क्षेत्र के कारण लोहे के कणों पर लगने वाले बल के कारण कण  वक्राकार रेखाओं के रूप में व्यवस्थित हो जाते हैं| इन वक्र रेखाओं को ही चुंबकीय बल रेखाएँ कहते हैं|

विद्युत बल रेखाओं और चुंबकीय बल रेखाओं में अंतर:

विद्युत बल रेखाएँ

1.विद्युत बल रेखाएँ खुला वक्र बनाती है|

2.विद्युत बल रेखाएँ धन आवेश से प्रारंभ होकर ऋण आवेश पर समाप्त होती है|

3.ये बल रेखाएँ चालक के अंदर विद्यमान नहीं रहती है|

4.ये बल रेखाएँ चालक के लंबवत होती है|

 चुंबकीय बल रेखाएँ

1.चुंबकीय बल रेखाएँ बंद वक्र बनाती है|

2.ये बल रेखाएँ चुंबक के बाहर N ध्रुव से S ध्रुव की ओर तथा चुंबक के अंदर S ध्रुव से N ध्रुव की ओर जाती हुई मानी जाती है|

3.ये बल रेखाएँ चुंबक के अंदर भी विद्यमान रहती है|

4.चुम्बकीय बल रेखाएँ चुंबक के लंबवत हो यह आवश्यक नहीं है|

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