प्रकाशिक तंतु किसे कहते हैं,बनावट,कार्य विधि,सिद्धांत और उपयोग|optical fiber in hindi
आज की इस पोस्ट में हम physics(भौतिक विज्ञान) के महत्वपूर्ण topic प्रकाशिक तंतु(optical fiber) किसे कहते हैं? प्रकाशिक तंतु के प्रमुख भाग,कार्य विधि, सिद्धांत और उपयोग के बारे में पढ़ने वाले है|
प्रकाशिक तन्तु क्या है?(prakashik tantu kya hai):
"प्रकाशिक तन्तु पूर्ण आंतरिक परावर्तन पर आधारित एक ऐसी युक्ति है, जिसकी सहायता से प्रकाश सिग्नल को उसी तीव्रता के साथ सीधे या टेढ़े-मेढ़े मार्ग से अल्प दूरी या लम्बी दूरी तक ले जाया जा सकता है|"
प्रकाशिक तन्तु किस सिद्धांत पर कार्य करता है?
प्रकाशिक तन्तु पूर्ण आंतरिक परावर्तन के सिद्धांत पर कार्य करता है|
प्रकाशिक तन्तु के प्रमुख भागों का वर्णन| prakashik tantu ke pramukh bhag
प्रकाशिक तन्तु के तीन भाग होते हैं| जैसा कि चित्र में प्रदर्शित किया गया है|
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प्रकाशिक तंतु का चित्र |
1. क्रोड (core)
2. क्लैडिंग (cladding)
3. सुरक्षात्मक जैकेट(protective jacket)
1. क्रोड (core)- प्रकाशिक तन्तु के केंद्रीय भाग को क्रोड कहते हैं| यह एकसमान अपवर्तनांक वाले काँच या प्लास्टिक से बना होता है|
2. क्लैडिंग (cladding)- केंद्रीय भाग के ऊपर क्रोड के अपवर्तनांक से कम अपवर्तनांक के पदार्थ की एक परत होती है जिसे क्लैडिंग कहते हैं|
3. सुरक्षात्मक जैकेट(protective jacket) – प्रकाशिक तन्तु में सबसे बाहरी आवरण या परत को सुरक्षात्मक आवरण कहते हैं यह विद्युतरोधी पदार्थ का बना होता है|
प्रकाशिक तन्तु की कार्यविधि(prakashik Tantu ki karyavidhi):
जब प्रकाश तन्तु के एक सिरे पर छोटे कोण पर आपतित होता है, तो वह तन्तु के अंदर से गुजरने लगता है| इसका तन्तु और क्लैडिंग के अन्तरापृष्ठ से बार-बार पूर्ण आंतरिक परावर्तन होता है क्योंकि आपतन कोण का मान क्रांतिक कोण से अधिक होता है| इस प्रकार कई बार पूर्ण आंतरिक परावर्तन के पश्चात प्रकाश अंत में दूसरे सिरे से उतनी ही तीव्रता के साथ बाहर निकल जाता है|
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prakashik Tantu Ka Chitra |
प्रकाशिक तन्तु के उपयोग(prakashik Tantu ke upyog):
1. प्रकाशीय सिग्नलों के प्रेषण के लिये प्रकाशिक तन्तु का उपयोग किया जा सकता है|
2. चिकित्सा उद्देश्य के लिए शरीर के अंदर लेसर किरणों को ले जाने के लिए प्रकाशिक तन्तु का उपयोग किया जा सकता है|
3. विद्युत सिग्नलों को प्रकाशीय सिग्नलों में परिवर्तित कर उनके प्रेषण के लिए इनका उपयोग किया जा सकता है|
4. चिकित्सा और प्रकाशीय जांच में प्रकाश नली के भांति इसका उपयोग किया जाता है|
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