ट्रांजिस्टर क्या है,प्रकार और उपयोग| transistor in hindi
आज की इस पोस्ट में हम physics(भौतिक शास्त्र) के महत्वपूर्ण टॉपिक transistor( ट्रांजिस्टर) के बारे में पढ़ने वाले है|
इसमें हम पढेंगे ट्रांजिस्टर क्या है(transistor kya hai),ट्रांजिस्टर के प्रकार(npn transistor और pnp transistor),ट्रांजिस्टर के उपयोग और ट्रांजिस्टर का आविष्कार कब और किसने किया था?
ट्रांजिस्टर P - प्रकार और N –प्रकार के अर्द्धचालकों से बनी एक ऐसी इलेक्ट्रॉनिक युक्ति है जिसे मुख्यतः प्रवर्धक(Amplifier) तथा इलेक्ट्रॉनिक स्विच के रूप में उपयोग किया जाता है|
ट्रांजिस्टर का आविष्कार कब और किसने किया था:
ट्रांजिस्टर का आविष्कार सर्वप्रथम सन् 1947 में William Shockley, Walter Brattain और John Bardeen ने किया था| ट्रांजिस्टर के आविष्कार के लिए सन 1956 में इन तीनों वैज्ञानिकों को भौतिकी में नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया|
ट्रांजिस्टर क्या है(transistor kya hai):
ट्रांजिस्टर अर्द्धचालकों से बनी एक ऐसी इलेक्ट्रॉनिक युक्ति है जिसके तीन भाग होते हैं| बाह्य भाग समान प्रकार के अर्द्धचालकों के तथा बीच का भाग विपरीत प्रकार के अर्द्धचालक का बना होता है|
ट्रांजिस्टर के मध्य भाग को आधार(Base) कहते हैं और आधार को बहुत ही पतला रखा जाता है| इसके एक और के भाग( बायाँ भाग) को उत्सर्जक(Emitter) तथा दूसरी ओर के भाग(दायाँ भाग) को संग्राहक(Collector) कहते हैं|
ट्रांजिस्टर के प्रकार|transistor ke prakar:
सन्धि ट्रांजिस्टर दो प्रकार के होते हैं-
1. P-N-P transistor ( ट्रांजिस्टर)
2. N-P-N transistor ( ट्रांजिस्टर)
P-N-P ट्रांजिस्टर(pnp transistor):
यह ट्रांजिस्टर N- प्रकार के अर्द्धचालक की पतली पर्त को दो P- प्रकार के अर्द्धचालकों के छोटे-छोटे क्रिस्टलों के मध्य दबाकर बनाया जाता है| इस प्रकार इसमें P- प्रकार के अर्द्धचालक बाह्य भाग में तथा N- प्रकार का अर्द्धचालक मध्य में होता है| pnp transistor को चित्र में प्रदर्शित किया गया है|
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pnp transistor |
N-P-N ट्रांजिस्टर(npn transistor):
यह ट्रांजिस्टर P- प्रकार के अर्द्धचालक की पतली पर्त को दो N- प्रकार के अर्द्धचालकों के छोटे-छोटे क्रिस्टलों के मध्य दबाकर बनाया जाता है| इस प्रकार इसमें N- प्रकार के अर्द्धचालक बाह्य भाग में तथा P- प्रकार का अर्द्धचालक मध्य में होता है| npn transistor को चित्र में प्रदर्शित किया गया है|
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npn transistor |
[Note:- ट्रांजिस्टर को किसी विद्युत परिपथ में उपयोग में लाते समय सदैव उत्सर्जक को अग्र अभिनति(Forward Bias) में तथा संग्राहक को उत्क्रम अभिनति(Reverse Bias) में रखा जाता है|]
ट्रांजिस्टर के उपयोग|transistor ke upyog:
1.ट्रांजिस्टर का प्रवर्धक(Amplifier) के रूप में उपयोग किया जाता है
[Note:- प्रवर्धक एक ऐसी युक्ति है जो प्रत्यावर्ती धारा या वोल्टेज के परिमाप को बढ़ा देती है]
2.ट्रांजिस्टर का इलेक्ट्रॉनिक स्विच के रूप में उपयोग किया जाता है|
3.ट्रांजिस्टर का दोलित्र के रूप में उपयोग किया जाता है|
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