अवतल दर्पण और उसके उपयोग,दर्पण सूत्र,रैखिक आवर्धन,संयुग्मी फोकस ,लम्बन
आज की इस post में हम physics के महत्वपूर्ण टॉपिक अवतल दर्पण(avtal darpan) किसे कहते हैं उसके उपयोग तथा दर्पण से सम्बन्धित कुछ महत्वपूर्ण परिभाषाएं जैसे दर्पण सूत्र, संयुग्मी फोकस, लम्बन , रैखिक आवर्धन और गोलीय विपथन के बारे में पढ़ने वाले है |
अवतल दर्पण किसे कहते हैं(concave mirror in hindi):
ऐसा दर्पण जिसका परावर्ती पृष्ठ दबा हुआ होता है उसे अवतल दर्पण कहते हैं|
अवतल दर्पण बनाने के लिए काँच के खोखले गोले के किसी भाग को काटकर उसके बाहरी पृष्ठ पर कलई कर दी जाए तो उसके आंतरिक पृष्ठ से प्रकाश का परावर्तन होने लगता है| ऐसा दर्पण अवतल दर्पण कहलाता है|
अवतल दर्पण में प्रतिबिंब रचना के नियम(rules of image formation in concave mirror):
अवतल दर्पण में बने प्रतिबिंब की रचना के निम्नलिखित नियम है-
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Concave mirror |
1. जो प्रकाश किरण मुख्य अक्ष के समांतर अवतल दर्पण पर आपतित होती है वह परावर्तन के पश्चात मुख्य फोकस से होकर जाती है| चित्र(a)
2. जो प्रकाश किरण मुख्य फोकस से होकर अवतल दर्पण पर आपतित होती है वह परावर्तन के पश्चात मुख्य अक्ष के समांतर हो जाती है| चित्र(b)
3. जो प्रकाश किरण वक्रता केंद्र से होकर अवतल दर्पण पर आपतित होती है वह परावर्तन के पश्चात उसी मार्ग में पुनः लोट जाती है| चित्र(c)
अवतल दर्पण के उपयोग(avtal Darpan ke upyog) :
1. दाढ़ी या हजामत बनाने में अवतल दर्पण का उपयोग किया जाता है क्योंकि यदि किसी वस्तु को अवतल दर्पण के सामने उसके ध्रुव और मुख्य फोकस के मध्य रखा जाए तो उसका सीधा तथा आवर्धित( बड़ा) प्रतिबिंब बनता है| इसी कारण से अवतल दर्पण का उपयोग दाढ़ी या हजामत बनाने में किया जाता है|
2. डॉक्टरों द्वारा नाक, कान और गला इत्यादि की जांच करने में- नाक, कान और गला इत्यादि की जांच करने वाले डॉक्टर एक अवतल दर्पण बेल्ट के द्वारा अपने सिर पर पहन लेते हैं तथा समांतर आने वाली प्रकाश किरणों को इस अवतल दर्पण के ऊपर डाला जाता है| अवतल दर्पण इन प्रकाश किरणों को किसी स्थान विशेष पर फोकस कर देता है| अतः डॉक्टर उस स्थान का सूक्ष्म निरीक्षण कर सकते हैं|
3.टार्च, सर्च लाइट तथा वाहनों की हेड लाइट इनके परावर्ती पृष्ठ के रूप में अवतल दर्पण का उपयोग किया जाता है|
4. Dish antenna में – डिश एंटीना का जो परावर्तक पृष्ठ होता है वह अवतल होता है| सेटेलाइट से आने वाली तरंगों को यह परावर्तक पृष्ठ एंटीना के ऊपर फोकस कर देता है|
अवतल दर्पण द्वारा बने हुए प्रतिबिंब की स्थिति:-
1. वस्तु की स्थिति- अनंत पर
प्रतिबिंब की स्थिति- फोकस पर
प्रतिबिंब की प्रकृति- वास्तविक
प्रतिबिंब की आकृति- उल्टा
प्रतिबिंब का आकार- बिंदु आकार का
2. वस्तु की स्थिति- फोकस पर
प्रतिबिंब की स्थिति- अनंत पर
प्रतिबिंब की प्रकृति- वास्तविक
प्रतिबिंब की आकृति- उल्टा
प्रतिबिंब का आकार- वस्तु से बहुत बड़ा
3. वस्तु की स्थिति- अनंत और वक्रता केंद्र के बीच
प्रतिबिंब की स्थिति- फोकस और वक्रता केंद्र के बीच
प्रतिबिंब की प्रकृति- वास्तविक
प्रतिबिंब की आकृति- उल्टा
प्रतिबिंब का आकार- वस्तु से छोटा
4. वस्तु की स्थिति- फोकस और वक्रता केंद्र के बीच
प्रतिबिंब की स्थिति- अनंत और वक्रता केंद्र के बीच
प्रतिबिंब की प्रकृति- वास्तविक
प्रतिबिंब की आकृति- उल्टा
प्रतिबिंब का आकार- वस्तु से बड़ा
5. वस्तु की स्थिति- वक्रता- केन्द्र पर
प्रतिबिंब की स्थिति- वक्रता- केन्द्र पर
प्रतिबिंब की प्रकृति- वास्तविक
प्रतिबिंब की आकृति- उल्टा
प्रतिबिंब का आकार- वस्तु के बराबर
6. वस्तु की स्थिति- फोकस और ध्रुव के बीच
प्रतिबिंब की स्थिति- दर्पण के पीछे
प्रतिबिंब की प्रकृति- आभासी
प्रतिबिंब की आकृति- सीधा
प्रतिबिंब का आकार- वस्तु से बड़ा
दर्पण सूत्र किसे कहते हैं(mirror formula in hindi):
किसी गोलीय दर्पण के लिए वस्तु की दूरी u, प्रतिबिंब की दूरी v तथा फोकस दूरी f में संबंध दर्शाने वाले सूत्र या समीकरण को दर्पण सूत्र कहते हैं|
दर्पण सूत्र:- 1/f = 1/u + 1/v
रैखिक आवर्धन किसे कहते हैं(linear magnification in hindi):
दर्पण में बने प्रतिबिंब की लंबाई और वस्तु की लंबाई के अनुपात को रैखिक आवर्धन कहते हैं|
रैखिक आवर्धन= प्रतिबिंब की लंबाई/ वस्तु की लंबाई
m = I / O
लम्बन किसे कहते हैं(parallax in hindi):
दो वस्तुओं को एक ही सीध में रखकर आँख को दायीं या बायीं और हटाने पर उनमें जो सापेक्ष विस्थापन होता है उसे लंबन कहते हैं|
संयुग्मी फोकस किसे कहते हैं?
अवतल दर्पण के मुख्य अक्ष पर बिंदुओं के ऐसे जोड़े पाये जाते हैं कि वस्तु को एक बिंदु पर रखने से उसका प्रतिबिंब दूसरे बिंदु पर तथा वस्तु को दूसरे बिंदु पर रखने से उसका प्रतिबिंब पहले बिंदु पर बनता है| बिंदुओं के ऐसे जोड़ों को संयुग्मी फोकस कहते हैं|
गोलीय विपथन क्या है(spherical aberration in hindi) :
किसी गोलीय दर्पण द्वारा उस पर आपतित सभी प्रकाश किरणों को एक ही बिंदु पर अभिकेन्द्रीयकरण में त्रुटि को गोलीय विपथन कहते हैं|
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