अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन| International space Station
हेलो दोस्तों,
आज इस पोस्ट में हम बात करने वाले हैं अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (International space Station) के बारे में |बहुत से लोगों को यह जानकारी नहीं है कि अंतरिक्ष में जाने के बाद जो अंतरिक्ष यात्री है वह अंतरिक्ष में अपना रिसर्च कार्य कहां रह कर पूरा करते हैं,तो इस जानकारी के लिए इस पोस्ट को पूरा पढ़ें|
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अंतर्राष्ट्रीय स्पेस स्टेशन |
स्पेस स्टेशन क्या हैै(Space Station kya hai)
स्पेस स्टेशन अंतरिक्ष में मानव निर्मित एक ऐसी प्रयोगशाला है जिसमें अंतरिक्ष यात्री रहकर अपने रिसर्च कार्य पूरा करते हैं| अंतरिक्ष में स्पेस स्टेशन बनाने का कारण यह है कि बहुत से रिसर्च कार्य ऐसे हैं जो पृथ्वी पर संभव नहीं है और अंतरिक्ष की दुनिया रहस्यों से भरी हुई है| स्पेस स्टेशन अंतरिक्ष में एक ऐसा प्लेटफार्म है जहां रहकर अंतरिक्ष यात्री इन रहस्यों का पता लगाते है |
अभी वर्तमान में दो स्पेस स्टेशन कार्यरत है जिसमें चीन का तियांगोंग-2 और अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (international space station) |
अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन क्या है(International Space Station kya hai):
इस स्पेस स्टेशन को 16 देशों ने मिलकर बनाया है लेकिन इन देशों में भारत शामिल नहीं है| इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन को कई हिस्सो में अंतरिक्ष मे भेजा गया | इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन का पहला हिस्सा 20 नवंबर 1998 को लांच किया गया | बाद में वैज्ञानिकों द्वारा इन हिस्सो को अंतरिक्ष में ही जोड़ा गया | नवंबर 2000 से लगातार इसमें अंतरिक्ष यात्रियों की उपस्थिति बनी हुई है| इस स्पेस स्टेशन को पृथ्वी की लो अर्थ आर्बिट में स्थापित किया गया है जिसकी पृथ्वी सतह से ऊंचाई लगभग 350 km है | लगभग 28 हजार किमी/घण्टे की स्पीड से यह 90 मिनट मे पृथ्वी की एक परिक्रमा पूरा करता है इस प्रकार यह एक दिन में पृथ्वी की 16 परिक्रमा पूरी करता है | इस स्पेस स्टेशन मे 6 अंतरिक्ष यात्री एक बार में रह सकते हैं | इस स्पेस स्टेशन का आकार एक फुटबॉल ग्राउंड जितना बड़ा है |
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International space station |
बिना ग्रेविटी के कैसे सोते हैं अंतरिक्ष यात्री :
अंतरिक्ष में गुरुत्वाकर्षण बल कार्य नहीं करता है यानी कि सारी चीजें वहां हवा में तैरती है फिर अंतरिक्ष यात्री हवा में सोते कैसे हैं? स्पेस स्टेशन मैं अंतरिक्ष यात्रियों के सोने के लिए स्लीपिंग स्पेस बने होते हैं जहां उनके सभी जरूरी सामान रखे होते हैं जो हवा में तैरते हैं यही उनका छोटा सा ऑफिस होता है | सोने के लिए एस्ट्रोनॉट को खुद को एक स्लीपिंग बैग के अंदर पेक करना पड़ता है ताकि वह एक जगह स्थिर रह सके |
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Space station |
केसे होता है स्पेस में ब्रेकफास्ट:
ब्रेकफास्ट के लिए स्पेस में भी घर की तरह एक किचन होता है जहां सभी खाने की वस्तुएं डिहाइड्रेट फॉर्म में मौजूद होती है यह स्पेशल खाना अमेरिका, रूस और जापान का बना होता है|
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ISS credit: Wikimedia |
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Nice post..
जवाब देंहटाएंVery unique article
जवाब देंहटाएंNice
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