Mothers day thought 2024 |mothers day sayri|मदर्स डे शायरी
हेलो दोस्तों,
मदर्स डे प्रतिवर्ष मई माह में दूसरे रविवार को मनाया जाता है | इस वर्ष मदर्स डे 12 मई रविवार को सेलिब्रेट किया जाएगा |
माँ शब्द जितना छोटा है उसकी महिमा उतने ही बड़ी है | माँ की महिमा के बारे में किसी कवि ने ठीक ही कहा है की-
" यदि संपूर्ण आसमान को कोरा कागज मान लिया जाए तथा संपूर्ण समुद्र के पानी को यदि स्याही मान लिया जाए | तो भी माँ की महिमा के संबंध में यह कागज और स्याही
कम पड़ जाएगी पर माँ की महिमा कभी खत्म नहीं होगी|"
मदर्स डे प्रतिवर्ष मई माह में दूसरे रविवार को मनाया जाता है | इस वर्ष मदर्स डे 12 मई रविवार को सेलिब्रेट किया जाएगा |
माँ शब्द जितना छोटा है उसकी महिमा उतने ही बड़ी है | माँ की महिमा के बारे में किसी कवि ने ठीक ही कहा है की-
" यदि संपूर्ण आसमान को कोरा कागज मान लिया जाए तथा संपूर्ण समुद्र के पानी को यदि स्याही मान लिया जाए | तो भी माँ की महिमा के संबंध में यह कागज और स्याही
कम पड़ जाएगी पर माँ की महिमा कभी खत्म नहीं होगी|"
मदर्स डे एक महत्वपूर्ण उत्सव है जो माँ को समर्पित है। यह दिन माँ के सम्मान और प्रेम को मनाने का एक अच्छा अवसर है। इस दिन पर हम माँ को उनकी ममता, समर्पण और प्यार के लिए धन्यवाद देते हैं|
mother's day 2024 quotes in hindi|mothers day images with quotes
किसी को घर मिला हिस्से में,
या किसी के हिस्से में दुकान आई |
मैं घर में सबसे छोटा था,
इसलिए मेरे हिस्से में माँ आई |
![]() |
Mothers day 2024 image |
यूं तो मैंने बुलंदियों के
हर निशान को छुआ,
पर जब माँ ने गोद में उठाया
तब आसमान को छुआ|
![]() |
Mothers day special |
मत कहिए मेरे साथ रहती है माँ,
कहिए की माँ के साथ रहते हैं हम|
![]() |
Happy mother's day image |
जब हमें बोलना नहीं आता था,
तो भी माँ सब समझ जाती थी|
आज हम हर बात पर कहते हैं,
माँ तू नहीं समझेगी |
![]() |
Happy mothers day |
Mother's Day sayri|mothers day quotes|मदर्स डे शायरी
सन्नाटा छा गया बटवारे के किस्से में,
जब माँ ने पूछा मै हूँ किसके हिस्से में|
क्या सीरत क्या सूरत है,
माँ ममता की मूरत है |
पांव छुआ और काम हुआ,
अम्मा एक मुहूर्त है |
माँ से बढ़कर नहीं रिश्ता कोई,
माँ से बढ़कर नहीं फरिश्ता कोई |
मैं एक लम्हा चौका था नींद में,
फिर मेरी माँ रात भर नहीं सोई |
माँ से छोटा कोई शब्द नहीं,
और माँ से बड़ा कोई अर्थ नहीं |
दवा असर ना करें तो, नजर उतारती है|
माँ है जनाब, वो कहाँ हार मानती है||
किसी ने रोज़ा रखा किसी ने उपवास रखा,
कुबूल उसका हुआ जिसने अपने माँ-बाप को अपने पास रखा|
माँ के बिना ज़िंदगी वीरान होती है,
तन्हा सफर में हर राह सुनसान होती है,
ज़िंदगी में माँ का होना ज़रूरी है,
माँ की दुआओं से ही हर मुश्किल आसान होती है।
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें