बल की परिभाषा,मात्रक,विमीय सूत्र और प्रकार|force in hindi
आज की इस पोस्ट में हम physics (भौतिक विज्ञान) के बहुत ही महत्वपूर्ण टॉपिक बल (force) के बारे में पढ़ने वाले हैं| इसमें हम पढ़ेंगे बल क्या है? उसकी परिभाषा, बल का मात्रक, बल का विमीय सूत्र और बल के प्रकार|
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Force in hindi |
बल क्या है?|bal kya hai
किसी स्थिर वस्तु को चलाने के लिए,चलती हुई वस्तु को रोकने के लिए या उसकी गति को तेज या धीमी करने के लिए, किसी वस्तु के आकार या आकृति में परिवर्तन करने के लिए हमें कुछ प्रयास करना पड़ता है जिसे बल कहते हैं|
बल की परिभाषा|definition of force
बल वह बाह्य कारक है जो किसी वस्तु की विराम अथवा गति अवस्था में परिवर्तन करता है या परिवर्तन करने का प्रयास करता है|(अथवा)
बल वह धक्का या खिंचाव है जो किसी वस्तु की स्थिति या अवस्था में परिवर्तन कर देता है या परिवर्तन करने का प्रयास करता है|
कई बार हम किसी वस्तु पर बल तो लगाते हैं किंतु उसकी स्थिति या अवस्था में कोई परिवर्तन नहीं कर पाते |
उदाहरण- चट्टान को उसके स्थान से सरका पाना, बड़े पेड़ को हिला पाना, दीवार को उसके स्थान से हटा पाना कठिन कार्य है| इन सभी स्थितियों में बल तो लगाया जाता है किंतु उनकी स्थितियों में कोई परिवर्तन नहीं होता है|
बल का सूत्र|bal ka sutra
बल की गणना वस्तु के द्रव्यमान(m) और उसके त्वरण(a) के गुणनफल से की जा सकती है|बल = द्रव्यमान× त्वरण
F = m × a
बल एक सदिश राशि है|
बल का मात्रक|bal ka si matrak kya hai
बल का एस आई मात्रक= न्यूटन या किग्रा×मी/सेकण्ड²बल का C.G.S मात्रक = डाइन
बल का विमीय सूत्र|bal ka vimiy sutra
बल = द्रव्यमान × त्वरणF = m × a
F = [M] × [ LT-²]
F = [ MLT-²]
दैनिक जीवन में बल के प्रभाव:-
1. बल विराम अवस्था की वस्तु को गति अवस्था में ला देता है या लाने का प्रयास करता है|
उदाहरण- साइकिल के पहिये पर पैडल के द्वारा बल लगाने पर वह घूमने लगता हैं, मैदान पर रखी गेंद को मारा जाता है तो वह मैदान पर लुढ़कने लगती है|
2. बल गति अवस्था की वस्तु को विराम अवस्था में ला देता है या लाने का प्रयास करता है|
उदाहरण- चलती हुई साइकिल पर ब्रेक लगाने से वह रुक जाती है, तेजी से अपनी और आती हुई गेंद को हाथ से पकड़ कर रोका जा सकता है|
3. बल किसी वस्तु की आकृति या आकार में परिवर्तन कर देता है या परिवर्तन करने का प्रयास करता है|
उदाहरण- गेंद को दबाने से वह पिचक जाती है, तार के एक सिरे को छत से बांधकर दूसरे सिरे पर भार लटकाने से उसकी लंबाई बढ़ जाती है|
बल के प्रकार(bal ke prakar):
1. संपर्क बल (Contact force) :- वे बल जो किसी वस्तु के संपर्क में आने पर लगता है संपर्क बल कहलाता है| ( दूसरे शब्दों में- जब बाह्य साधन वस्तु के संपर्क में होता है तो लगाये गये बल को संपर्क बल कहते हैं|)उदाहरण:- (i) हाथ से किसी वस्तु को खींचने के लिए लगाया गया पेशीय बल|
(ii) पुस्तक को मेज पर रखकर सरकाने पर पुस्तक और मेज के मध्य लगा घर्षण बल|
2. असंपर्क बल (Non-contact force):- वे बल जो किसी वस्तु के संपर्क में आए बिना ही लगता है असंपर्क बल कहलाता है|
( दूसरे शब्दों में- जब बाह्य साधन वस्तु के संपर्क में नहीं होता है, तो लगाये गये बल को असंपर्क बल कहते हैं|)
उदाहरण:- (i) पृथ्वी द्वारा किसी वस्तु पर लगाया गया गुरुत्वाकर्षण बल|
(ii) चुंबक द्वारा लोहे के टुकड़ों पर लगाया गया चुंबकीय बल|
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